अयोध्या फैसले को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होने का असर, अगर आम दिनों में भी इसी तरह पुलिस मुस्तैद रहे तो अपराधों पर लगा सकती है अंकुश
भोपाल. अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर शहरभर में पुलिस मुस्तैद रही। इसका नतीजा यह रहा कि नौ नवंबर की रात से 12 नवंबर तक शहर में होने वाले गंभी में 92 फीसदी की कमी आई। इस दरमियान लूट, बड़ी चोरी, डकैती, हत्या, बलवा जैसे गंभीर अपराध नहीं हुए। मालूम हो कि पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले ही अधिकतर बदमाशों पर शिकंजा कस दिया था। शहर में मौजूद बदमाशों पर लगातार नजर बनाए रखी गई। ऐसे में आम जनता को अपेक्षा है कि राजधानी पुलिस इसी तरह की मुस्तैदी बनाए रखे, ताकि अपराध एवं अपराधियों पर अंकुश लगा रहे।
सामान्य दिनों में चोरी की औसतन रोज सात वारदात होती हैं। इसके अलावा हर तीसरे दिन एक लूट की घटना सामने आती है। नौ नवंबर की रात से 11 नवंबर की सुबह तक छोटी-बड़ी चोरी की वारदात नहीं हुई, जबकि 11 व 12 नवंबर की रात को चोरी की नौ एफआईआर दर्ज हुईं। इनमें से दो घटनाएं नौ नवंबर से पहले की हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक गंभीर अपराधों में 92 फीसदी तक कमी आई है।
वाहन चोरों पर नहीं हुआ सख्ती का असर
वाहन चोरों पर सख्ती का असर नहीं दिखा। 4 दिन में 12 वाहन चोरी की एफआईआर हुईं। ये वारदातें कोलार, एमपी नगर, गोविंदपुरा, हबीबगंज थाना क्षेत्र में दर्ज की गईं। पुलिस वाहन चोरों के खिलाफ एक्शन प्लान बनाने का दावा कर चेकिंग प्वाइंट,बीट में तैनात रहा 5000 बल
नौ से 12 नवंबर के बीच शहर के 150 चेकिंग प्वाइंट समेत पुलिस बीट में करीब 5 हजार पुलिस बल तैनात रहा। यह बल न सिर्फ सर्चिंग में जुटा था, बल्कि संदिग्धों पर भी नजर बनाए था। 24 घंटे तैनाती से असामाजिक तत्व सक्रिय नहीं हो सके।