सबरीमाला में पुलिस की तैनाती अच्छी बात नहीं

'हिंसा नहीं चाहते, सबरीमाला में पुलिस की तैनाती अच्छी बात नहीं' बेंच ने कहा, ''कुछ मुद्दे ऐसे हैं जिनसे देश में हालात विस्फोटक हो सकते है, यह मुद्दा भी ऐसा ही है। हम कोई हिंसा नहीं चाहते, मंदिर में पुलिस की तैनाती बहुत अच्छी बात नहीं है। यह बेहद भावनात्मक मुद्दा है। हजार साल से वहां परंपरा जारी है।''  महिलाएं मंदिर जाएं, लेकिन पूर्व का फैसला अंतिम नहीं: कोर्ट सीजेआई ने कहा कि पिछले साल 28 सितंबर को आया 5 जजों का फैसला अंतिम नहीं है। कोई भी महिला जो मंदिर जाना चाहती है, जाए। लेकिन अब फैसला पुनर्विचार के लिए 7 जजों की बड़ी बेंच के पास भेजा जा चुका है। वही बेंच अब इस पर निर्णय लेगी।  मंदिर जा चुकीं बिंदु बोलीं- बड़ी बेंच के फैसले का इंतजार करूंगी बिंदु की वकील इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट से कहा कि हम यहां हिंसा को रोकने के लिए आए हैं। देश अहिंसा पर टिका है। हम हिंसा को बढ़ावा नहीं देना चाहते। मेरी क्लाइंट दलित और हिंदू है। वह आस्तिक है और मंदिर जा चुकी है। वहीं, बिंदु ने कहा कि कोर्ट ने बड़ी बेंच में सुनवाई की बात कही है। इसलिए हम फैसले का इंतजार करेंगे।